हमारे यहां भी पहले एक लोटन मगरी हुआ करती थी जिस पर लोट कर बच्चों को इतना आनन्द आता था कि हद नहीं, मगर गुलाब बाग के प्रशासकों को शायद बच्चों का यूं आमोद-प्रमोद करना पसंद नहीं आया, इस कारण एक तो इसकी घास को उजाड़ दिया गया, दूसरे इस मगरी के नीचे सीमेन्ट की दीवार खड़ी कर दी जिससे कोई बच्चा इस मगरी पर लोट नहीं सके, कोई लोटे भी तो उसे इस दीवार की चोट लग कर सजा मिल जाए।